टाइटैनिक दिखाने ले गई पनडुब्बी की खोज जारी, बच जाएंगे लापता हुए लोग? डेथ कॉन्ट्रैक्ट में भी साइन  किया था


Titanic tourist submarine Lost:

टाइटैनिक का मलबा दिखाने समुद्र के हज़ारों मीटर नीचे गोता लगाने वाली 'टाइटन' नाम की पनडुब्बी लापता हो गई है.उसमें कुछ घंटों की ऑक्सीजन और बची है. खोजने में कई देश जुटे

Titanic Submarine Missing Update: 

1912 में समंदर में डूबे टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली टाइटन पनडुब्बी रविवार, 18 जून से लापता है. उसे खोजने के लिए अटलांटिक महासागर में तलाशी अभियान चल रहा है. उस पनडुब्‍बी में कुल 5 लोग सवार थे. बताया जा रहा है कि उन लोगों के पास मौजूद सिलेंडर्स का ऑक्‍सीजन खत्‍म होता जा रहा है, यदि गुरुवार तक उन्‍हें नहीं खोजा गया, तो उनकी जान चली जाएगी. 

लापता हुई पनडुब्बी को ढूंढने के लिए अंडरवाटर रोबोट सहित अमेरिका और कनाडा के 3 C-130 हरक्यूलस एयरक्राफ्ट भेजे गए हैं. उनके अलावा एक P-8 एयरक्राफ्ट और 2 कनाडाई सर्फेस शिप्स भी सर्च ऑपरेशन में शामिल हैं. पनडुब्बी की कंपनी से पता चला है कि उस पनडुब्बी में अब 30 घंटे से भी कम समय के लिए ऑक्सीजन बची है. US कोस्ट गार्ड ने बताया कि गुरुवार सुबह तक सबमरीन में ऑक्सीजन खत्म होने की आशंका है.

खोजने के लिए अब अंडरवॉटर रोबोट्स की मदद

बता दें कि जिस लापता पनडुब्बी को खोजा जा रहा है, वो एक टूरिस्ट पनडुब्बी थी, जिसे 'टाइटन' कहा जाता था. उसने कई दिनों पहले अटलांटिक महासागर में लोगों को टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए समुद्र के हज़ारों मीटर नीचे गोता लगाया था. मगर, रविवार से उसका संपर्क टूट गया. अब उसे खोजने में पानी के अंदर चलने वाले रोबोट्स की मदद ली जाएगी, उन्‍हें अंडरवॉटर रोबोट कहते हैं. समुद्र की गहराइयों में काम करने वाली ब्रितानी एक्सपर्ट कंपनी मैगलेन ने कहा कि वो उस पनडुब्बी को खोजने में मदद कर रही है.

'कॉन्ट्रैक्ट के पहले पन्ने पर 3 बार मौत का जिक्र' 

    उस पनडुब्‍बी में पहले कभी सफर करने वाले शख्‍स माइक रीस ने बताया है कि जो लोग उसमें सवारी करते हैं, उन्‍हें पहले ही एक कॉन्ट्रैक्ट के जरिए आगाह कर दिया जाता है कि उसकी सेवा तभी लें, जब जान के ख़तरों से वाकिफ हों. माइक रीस ने कहा, ''वो एक ऐसी पनडुब्‍बी है, जिसमें सवार होने से पहले आप एक दस्तावेज पर दस्तख़त करते हैं, जिसके पहले ही पन्ने पर तीन बार मौत या मारे जाने का जिक्र है." माइक के मुताबिक, उन्‍होंने पिछले साल ही उस पनडुब्बी से यात्रा की थी. उनका कहना है कि उन्हें अब बहुत ज़्यादा उम्मीद नहीं है. यानी, उन्‍हें भी डर है कि अब टाइटैनिक का मलबा देखने गए लोगों की जान न चली जाए. 

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