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तीन दिन की पार्टी के लिए 7500 करोड़ खर्च किये

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 दुनिया की सबसे आलीशान और सबसे बड़ी और सबसे महंगी पार्टी जिसने फ़िज़ूल खर्चो के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे.         इस जैसे पार्टी नहीं पहले कभी हुई थी और नहीं आगे भी किसको ऐसी पार्टी करने की हिम्मत होगी. इसमें दुनिया के सबसे बेहतरीन रेस्टोरेंट के लजीज खाने , लक्ज़री ड्रिंक्स , फाइव स्टार जैसे रहने की सुविधा और यूरोपियन जैसा सजावट और सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट इस पार्टी में आने वाले गेस्ट थे. इसमें शेनशाओ से लेकर देश के प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति शामिल थे . इस पार्टी में पुरे 65 कंट्री के दिग्गज लोग थे . पार्टी की खास बात तो ये थी कि ये पार्टी सेवन स्टार होटल में नहीं बल्कि एक बंजर रेगिस्तान में की थी. सिर्फ 3 दिन के पार्टी के लिए रेगिस्तान का नक्शा ही बदल दिया था. और वो भी रातों रात .         ये कहानी है उस पार्टी की जो दुनिया ने पहले कभी नहीं देखी थी. ये पार्टी न ही किसी अरब शहजादे ने दी थी न ही किसी बड़े बिज़नेस टायकून ने. बल्कि ये पार्टी थी ईरान के किंग शाह मोम्मद रेजा पहलवी कि. ये बात है 1960 के दौर की जब ईरान रूलर शाह मोम्मद रेज़ा पहलवी हुआ करते थे जिनको राजाओं के राजा भी कहा जाता था . शाह दु

दुनिया का चक्कर लगाने वाला पहला व्यक्ति?

  दुनिया का चक्कर लगाने वाला पहला व्यक्ति ? क्या पुर्तगाली खोजकर्ता फर्डिनेंड मैगलन दुनिया का चक्कर लगाने वाले पहले व्यक्ति थे और क्या उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े समंदर को अपना नाम दिया था? ऐसा नहीं है. हालांकि, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि 1480 में जन्मे  फर्डिनेंड मैगलन  पहले   यूरोपीय  थे जिन्होंने प्रशांत महासागर को पार किया था. 1519 में मैगलन अपने दल के साथ समंदर के रास्ते स्पाइस द्वीप खोजने के लिए निकले थे. कई देशों से गुज़र कर आख़िर तीन साल बाद ये दल उसी जगह लौटा जहां से वो चला था. हालांकि स्पेन से चली इस यात्रा को पूरा करने की खुशी मनाने के लिए कम ही लोग ज़िन्दा बचे थे. 270 लोगों के चालक दल के साथ शुरु हुई ये यात्रा जब ख़त्म हुई तो मात्र 18 लोग ही जीवित बचे थे. यात्रा के दौरान मैगलन की भी मौत हो गई थी. इस यात्रा के दौरान साल 1521 में मैगलन फिलीपीन्स के पूर्वी तट पर पहुंचे. वहां के मूल निवासी उन्हें सीबू द्वीप ले कर गए. मैगलन और उनके चालक दल के सदस्य सीबू में रहने वालों के अच्छे दोस्त बन गए. इतनी गहरी दोस्ती हुई कि मैगलन अपने दोस्तों को पड़ोसी द्वीप में रहने वाले उनके द
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        1200 दिनों में बनाया जाने वाला टाइटैनिक सिर्फ 2 ही दिनों में क्यों डूब गया !!               10 अप्रैल 1912 ये वो दिन जब दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे बेहतरीन जहाज अपने सबसे पहले सफर के लिए बिलकुल तैयार था. उस दिन अटलांटिक ओसियन बिलकुल शांत था और समंदरी तूफ़ान आने का दूर दूर तक कोई चांस नहीं था. जहाज पर 1500 पैसेंजर सवार भी हो चुके थे और लाखो लोग डॉक पर टाइटैनिक का पहला सफर को देखने के लिए खड़े थे. नहीं टाइटैनिक के पैसेंजरों को और नहीं अलविदा कहने वाले लाखो लोगो को और नहीं टाइटैनिक के वर्कर को मालूम था की जो जहाज कुछ ही देर में रवाना होने वाला है उसे बनाते वक्त 6 ऐसी गलतियां की गयी है जो इस जहाज को बड़े हादसे का शिकार बनाने वाली है .        आज आप जानेंगे अपने दौर के सबसे महंगे , सबसे लक्ज़री , सबसे बड़े जहाज  और  सबसे ताकतवर जहाज टाइटैनिक की 6 ऐसी गलतियां अगर वो न होती तो शायद आज टाइटैनिक अपने क्रैश होने के वजह से नहीं बल्कि अपने कामयाबी की वजह से मशहूर हो जाता. आखिर ऐसी कौनसी गलतिया थी जो 40 साल का एक्सपीरियंस रखने वाले टाइटैनिक के कप्तान एडवर्ड स्मिथ को भी नजर नहीं आयी. कप्तान के 40 स
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  !!!!! टाइटैनिक को देखने गयी सबमरीन 12500 फ़ीट निचे जाकर कैसे ब्लास्ट हुई !!!!!       ओसियन गेट के टाइटन सबमरीन ने अपना सफर कनाडा के सैंट जॉर्ज पोर्ट से  शुरू किया जिस लोकेशन पे इसको ओसियन के अंदर डाइव करना था वो संत जॉर्ज पोर्ट से करीब करीब 700 किलोमीटर दूर उत्तरी अटलांटिक महासागर में है और इसी पॉइंट पर ठन्डे पानी के नीचे ओसियन की गेहराईओ में टाइटैनिक का मलबा भी मौजूद है.        शनिवार 17 जून 2023 को ये सफर शुरू किया गया और प्लान के मुताबिक अगले दिन यानि के रविवार सुबह 8 बजे टाइटन को पानी में उतारा जाना था . आपको यहां बताते चले डाइव से पहले टाइटन में एक प्रॉब्लम महसूस किया गया था लेकिन उसके बावजूद भी अपनी जान दाव पर लगाकर इसको ओसियन में उतार दिया गया . वो क्या प्रॉब्लम था और वो प्रॉब्लम पता होने बावजूद भी आखिर खतरा क्यों मोल लिया गया .        इस सफर में टोटल 5 लोग मौजूद थे जिसमे एक्शन एविएशन के संस्थापक हरनिस हार्डिंग भी मौजूद थे. इन्होने जेफ बेजॉस के साथ स्पेस में भी ट्रेवल किया था. दूसरे नंबर पर स्टॉकटन रश जो ओशनगेट के सीईओ थे. ये अमेरिकी कंपनी ओसियन टूरिसम के लिए सब्मर्सिबल बनाती ह
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        !!!  जोस नाम का शख्स  जिसने 438 दिन महासागर में छोटे से बोट पर अकेले रहने का  वर्ल्ड रिकार्ड्स बनाया था !!!        पैसिफिक ओसियन हमारे सोच से भी काफी बड़ा है  चिले  के बाजु के समंदर पर प्रशांत महासागर में अगर धरती के आरपार सुराग किया जाये तो तभी वो सुराग पृथ्वी के दूसरे साइड में पसिफ़िक ओसियन में ही निकलेगा दुनिआ में कुल मिलाके 5 ओसियन पाये जाते है इनमे से सबसे बड़ा ओसियन पसिफ़िक ओसियन माना जाता है . और ये टोटल 165 मिलियन स्क्वायर किलोमीटर्स फैला हुआ है . आपको ये बात जानकर आश्चर्य होगा की पृथ्वी की कुल जमीन ही 148 वर्ग किलोमीटर है . जिसका मतलब ये हुआ कि दुनिया के बाकि 4 ओसियन को हटाया जाये तो पसिफ़िक महासागर ही हमारे पहाड़ों , आइलैंड , रेगिस्तान , फारेस्ट से भी काफी बड़ा है . इस पुरे ओसियन में कुछ  आइलैंड है वो भी इतने छोटे है की इस आलीशान और विशाल ओसियन के सामने एक पॉइंट के बराबर दीखते है . और सोने पे सुहागा इनमेसे कही आइलैंड पर इंसान ने पैर तक नहीं रखा . यानि कुल मिलाकर बात की जाये तो इस विशाल ओसियन में गुम हो जाये तो उसे ढूंढ़ने का चांस न के बराबर है .        लेकिन आज आप ऐसे इंसान क
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टाइटैनिक दिखाने ले गई पनडुब्बी की खोज जारी, बच जाएंगे लापता हुए लोग? डेथ कॉन्ट्रैक्ट में भी साइन  किया था Titanic tourist submarine Lost : टाइटैनिक का मलबा दिखाने समुद्र के हज़ारों मीटर नीचे गोता लगाने वाली 'टाइटन' नाम की पनडुब्बी लापता हो गई है.उसमें कुछ घंटों की ऑक्सीजन और बची है. खोजने में कई देश जुटे Titanic Submarine Missing Update:  1912 में समंदर में डूबे टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए लोगों को ले जाने वाली टाइटन पनडुब्बी रविवार, 18 जून से लापता है. उसे खोजने के लिए अटलांटिक महासागर में तलाशी अभियान चल रहा है. उस पनडुब्‍बी में कुल 5 लोग सवार थे. बताया जा रहा है कि उन लोगों के पास मौजूद सिलेंडर्स का ऑक्‍सीजन खत्‍म होता जा रहा है, यदि गुरुवार तक उन्‍हें नहीं खोजा गया, तो उनकी जान चली जाएगी.  लापता हुई पनडुब्बी को ढूंढने के लिए अंडरवाटर रोबोट सहित अमेरिका और कनाडा के 3 C-130 हरक्यूलस एयरक्राफ्ट भेजे गए हैं. उनके अलावा एक P-8 एयरक्राफ्ट और 2 कनाडाई सर्फेस शिप्स भी सर्च ऑपरेशन में शामिल हैं. पनडुब्बी की कंपनी से पता चला है कि उस पनडुब्बी में अब 30 घंटे से भी कम समय के
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   विशेषज्ञ ने बताया कि टाइटन  पनडुब्बी में सवार सभी लोगों की  हो जायेगी मौत ? 22 जून दोपहर तक हो जाएगी ऑक्सीजन खत्म !!! Titanic Submarine Missing:       टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए समुद्र में गोता लगाने वाली पर्यटक पनडुब्बी खो गई है और इसका अभी भी पता नहीं चल सका है। लापता टाइटैनिक पनडुब्बी में सवार लोगों के पास आज दोपहर तक का ही ऑक्सीजन बचा है। वहीं अब दावा किया जा रहा है कि शायद इसमें सवार लोग पहले ही मर चुके हों। • रविवार से ही टाइटैनिक पनडुब्बी लापता है. • इस पनडुब्बी में पांच लोग सवार हैं जिनके पास बेहद कम ऑक्सीजन है. • दावा किया जा रहा है कि शायद इसमें सवार लोगों की पहले ही मौत हो गई है.     टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए समुद्र में गोता लगाने वाली पर्यटक पनडुब्बी को अभी भी खोजा जा रहा है। इस लापता पनडुब्बी में एक पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश अरबपति और उनका बेटा समेत 5 लोग सवार हैं। अमेरिकी नौसेना समेत दुनिया भर से बचावदल रविवार को लापता हुई इस पनडुब्बी को खोजने में लगे हैं, लेकिन इसका कोई सुराग नहीं लगा है। गणना के हिसाब से पनडुब्बी में सवार लोगों के पास कुछ ही घंटे का ऑक्सीजन बच
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  समुद्र में 4000 मिटर नीचे सिर्फ टाइटैनिक का मलबा देखने जाते हैं !!!!   टिकट है 2 करोड़ से ज्यादा  !!!! Missing Titan Submarine:             हाल ही में 5 यात्रियों को लेकर टाइटैनिक का मलबा दिखाने निकली एक पनडुब्बी अचानक गायब हो गई. जिसमें ब्रिटेन और पाकिस्तान के जाने-माने बिजनेसमैन भी सवार थे. हम सभी ने टाइटैनिक जहाज का नाम सुना है. अपने दौर के सबसे बड़े और पॉपुलर जहाज टाइटैनिक की लम्बाई करीब 269.1 मीटर और चौड़ाई 28 मीटर के आसपास थी. 14 अप्रैल, 1912 में रात के समय टाइटैनिक बर्फ के पहाड़ से टकराकर नॉर्थ अटलांटिक ओसियन में डूब गया था. इसके मलबे को 1985 में ढूंढा गया था. ओशनगेट नाम की एक कंपनी है जो लोगों को पनडुब्बी में बिठाकर टाइटैनिक का मलबा दिखाने समुद्र में लेकर जाती है.  पनडुब्बी  गोता  लगते समय दुनिआ से कांटेक्ट टूट गया       हाल ही में टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए अटलांटिक महासागर में निकली एक 'टाइटन' नाम की टूरिस्ट पनडुब्बी साउथ-ईस्ट कनाडा के तट से अचानक गायब हो गई. इसमें पायलट सहित पांच लोग सवार थे. जिसमें ब्रिटेन के अरबपति बिजनेसमैन हामिश हार्डिंग हैं. हामिश ने नामी
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      प्लेन जो उड़ान भरने के बाद दुनिया से गायब हुआ       8 मार्च 2014 को मलेशियन एयरलाइन का एक जहाज  क्वालालंपूर  से टेक ऑफ तो हुआ लेकिन अपनी मंजिल बेजिंग तक नहीं पोहचा. किसीको भी मालूम नहीं पड़ा कि ये जहाज गया तो गया कहा . लेकिन पुरे 9 सालो बाद एक उम्मीद मिली है की ये जहाज इस वक्त कहा मौजूद है .      ये बात है 8 मार्च 2014 की यानि के करीब 9 साल पहले की जभी मलेशियन एयरलाइन के फ्लाइट MH370 को मलेशियन कैपिटल  क्वालालंपूर  से टेक ऑफ करके चीन के कैपिटल बीजिंग जाना था . इस फ़्लाइट मैं 2 पायलट 10 केबिन क्रू और 227 प्रवासी मौजूद थे . जिसमें से ज्यादातर प्रवासी चीन से थे . दोनों पायलट काफी अनुभवी थे जिनमे से एक पायलट 53 साल के जहरी अहमद शाह को 33 साल का जहाज फ्लाइंग का अनुभव था . जब के 27 साल के सह पायलट फ़ारुख़ अब्दुल हमीद जो जूनियर पायलट थे जिनको 7 साल का फ्लाइट का अनुभव था . अगर इस फ्लाइट की बात की जाए तो ये 11 साल पुराना जहाज था जिसमे न ही कोई किस्म की कोई प्रॉब्लम थी और न ही पास्ट में कोई किसम का मैकेनिकल प्रॉब्लम हुआ था .  बताने का मकसत सिर्फ यही है की ये फ्लाइट मलेशिया और चीन के बीच में रे