Chandrayaan Mission 2 चंद्रयान 2 मिशन कैसे फेल हुआ !!


चंद्रयान 2 मिशन कैसे फेल हुआ !! चंद्रयान 2 से भारत को क्या फ़ायदा हुआ !!


Chandrayaan Mission 2


चंद्रयान-२ मिशन को एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन माना जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर उतरकर वैज्ञानिक अध्ययन करना था। हालांकि, यह मिशन पूरा नहीं हो सका और सफलता नहीं मिली। इसके पीछे कुछ कारण थे जिनके कारण मिशन अधूरा रह गया। चंद्रयान-२ का मुख्य उपग्रह, चंद्रमा की सतह पर लैंड करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। लैंडर का नाम था "विक्रम" और यह रोवर "प्रज्ञान" को साथ लेकर चंद्रमा की सतह पर जाना था। चंद्रयान-२ मिशन की कार्यक्रमित उड़ान 2019 के सितंबर में हुई, लेकिन इस मिशन का सफलतापूर्वक पूरा होना संभव नहीं था। मिशन के एक महत्वपूर्ण चरण में, चंद्रयान-२ लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर नीचे उतरने की कोशिश की, लेकिन विक्रम के संपर्क के समय कुछ तकनीकी समस्याएं उत्पन्न हो गईं और उसकी सफलता नहीं हुई। विक्रम अपने निर्धारित निकटतम स्थान पर नहीं पहुंच सका और मिशन को समाप्त कर दिया गया। इसमें अच्छी बात यह है कि मिशन के चंद्रमा के आसपासी आदान-प्रदान और नाविक योजना में नकारात्मक रूप से कोई त्रुटि नहीं थी। यह केवल चंद्रमा की सतह पर लैंड होने के तकनीकी अंशों में हुई कुछ समस्याओं के कारण असफल रहा। इस घटना के बावजूद, चंद्रयान-२ मिशन को बहुत सारे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक डेटा प्राप्त हुआ । उपग्रह चंद्रमा के आसपास चक्कर लगाते हुए चंद्रमा की सतह का विस्तृत अध्ययन करने में सफल रहा है और इससे हमें चंद्रमा की भौतिकी, जलवायु, और अतीत उपस्थिति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। चंद्रयान-२ मिशन भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में महत्वपूर्ण एक कदम साबित हुआ है और भविष्य में अधिक मिशनों के लिए मूलभूत अनुभव प्रदान करेगा। यह चंद्रयान-३ मिशन के लिए तैयारी और प्रयोगों में सुधार करने में मदद कर सकता है।


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